18 June 2024
धान खरीफ सीजन में प्रमुख फसल है। पारंपरिक धान खेती में ज्यादा मेहनत और पानी की जरूरत होती है। इसमें खर्चा भी ज्यादा आता है। धान की सीधी बुआई में बिना नर्सरी तैयार किए सीधे खेत में पौधे लगाए जाते हैं। किसान सीड ड्रिल मशीन से सीधे बीज बुआई करते हैं। इसमें खर्च, समय और मेहनत की बचत होती है।
नम विधि:
- बुआई से पहले गहरी सिंचाई की जाती है।
- 2-3 दिन बाद दूसरी सिंचाई की जाती है।
- खेत तैयार कर ड्रिल से बुआई की जाती है।
- हल्का पाटा लगाकर बीज को मिट्टी से ढकते हैं।
- बुआई शाम के समय करने से नमी संरक्षित रहती है।
सूखी विधि:
- खेत को अच्छी तरह से तैयार किया जाता है।
- मशीनी बुआई के बाद जमाव के लिए पानी दिया जाता है या वर्षा का इंतजार करते हैं।
- अगर एक सिंचाई पर सही जमाव नहीं होता, तो 4-5 दिन बाद दूसरी सिंचाई की जाती है।
धान की सीधी बुआई के फायदे:
- पानी का कम उपयोग।
- समय से फसल तैयार होती है।
- खरपतवार मुक्त होती है।
- पेस्टिसाइड का कम उपयोग।
- मजदूरी लागत कम होती है।
- नर्सरी तैयार करने की जरूरत नहीं।
- मीथेन उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग क्षमता में कमी।
- मिट्टी को नुकसान नहीं होता।
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