वर्तमान में लोग पारंपरिक खेती को छोड़कर मिश्रित और नकदी फसल की खेती कर रहे हैं और अच्छी आमदनी कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार भी कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है जिनसे किसानों को अधिक मुनाफा हो सके।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खेती के दौरान होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाती है। यह योजना किसानों को प्रीमियम का भुगतान करने के बाद सरकारी सब्सिडी प्रदान करती है जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलती है। इसके माध्यम से किसानों की फसल की सुरक्षा बढ़ाई जाती है और उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से बचाने का भी एक तरीका मिलता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को खेती से संबंधित गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत किसानों को क्रेडिट कार्ड निकालने की सुविधा होती है जिससे वे लोन ले सकते हैं और खाद, बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मशीनरी आदि खरीद सकते हैं। इसके लिए किसानों की भूमि का अनुपात भी देखा जाता है और उन्हें विशेष ब्याज दर में लोन मिलता है।
केंद्र सरकार ने किसानों को हर साल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की है, जिसमें किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये मिलते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को निश्चित आय प्रदान करना है। आवेदन करने के लिए किसान डीबीटी पोर्टल या साइबर कैफे, कृषि कार्यालय या किसान सलाहकार के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
केंद्र सरकार की इस योजना में, खेती के दौरान सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध कराने का मुख्य उद्देश्य है। इसके अंतर्गत, किसानों को जल प्रबंधन के लिए उचित संसाधन मिलता है, जिससे वे सिंचाई के लिए उपकरण जैसे वॉटर स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगा सकते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा यह योजना चलाई जा रही है जिसमें जैविक उत्पादन की प्रक्रिया, प्रमाणीकरण, लेवलिंग, पैकेजिंग, और परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है और इस योजना के अंतर्गत किसान हर 3 साल में इसका लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही, जैविक खेती को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
किसान पंजीकरण योजना में किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए पंजीकृत करने की सुविधा प्रदान की गई है। यह पंजीकरण किसानों को अलग-अलग योजनाओं के लिए आवेदन करने और लाभ प्राप्त करने का माध्यम बनाता है। डीबीटी पोर्टल पर जानकारी और आवेदन दोनों ही सरकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस योजना में किसानों को नए खेती के उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके द्वारा राज्य सरकार किसानों को खेती से संबंधित उपकरणों की खरीद पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है। किसानों को सब्सिडी के साथ नवीनतम और अच्छी गुणवत्ता वाले यंत्रों का लाभ मिलता है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना में सोलर पैनल के माध्यम से बिजली की सुविधा के लिए सरकारी सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों के लिए है जो बिजली के संकट से जूझ रहे हैं। सोलर पैनल के माध्यम से बिजली का उत्पादन करने के साथ-साथ किसानों को अपनी खेतों की सिंचाई करने का भी अवसर मिलता है।
इस योजना में बिजली की व्यवस्था के लिए विशेष फीडर बनाए गए हैं, जिससे किसानों को बिजली के सुविधा का अधिकारिक रूप से लाभ मिल सके। इसके माध्यम से उन्हें कम दर पर बिजली की सप्लाई की जा रही है, जिससे उनकी खेती में बिजली की खर्च को कम किया जा सकता है और सिंचाई के लिए अधिक बिजली का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को अपनी मिट्टी की जांच करवाने का मौका मिलता है। इससे किसान अपनी भूमि की स्वास्थ्य की जांच करवा सकते हैं और उन्हें सही जानकारी भी मिलती है कि कौनसी फसल उनकी भूमि के लिए सही रहेगी। यह योजना उन्हें अच्छे फसलों के लिए उत्पादक बनने में मदद करती है।
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