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7 June 2024
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फसल उत्पादकता और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसान विभिन्न प्रकार के उर्वरकों जैसे सुपर फॉस्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी), जिंक सल्फेट, एनपीके, डीएपी और यूरिया का उपयोग करके अपने कृषि कार्यों को अधिक प्रभावी बना सकते हैं। इन उर्वरकों की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं, जो उनकी पहचान करने में मदद करती हैं कि वे असली हैं या नहीं।


सुपर फॉस्फेट:

  • मुलायम दानेदार, भूरा, काला या हेज़लनट रंग का।
  • कील से तोड़ने पर टूट जाता है।
  • गर्म करने पर बरकरार रहता है।
  • भूरे रंग के मैले रंग के पाउडर के रूप में भी उपलब्ध है।
  • पाउडर नमी को सोख लेता है और खुले में रखने पर गीला हो जाता है।


म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी):

  • पिसे हुए नमक जैसा सफेद, लाल ईंट का पाउडर या सफेद नमक और लाल मिर्च पाउडर का मिश्रण।
  • गीले होने पर कण आपस में चिपकते नहीं हैं।
  • पानी में घुलने पर पोटाश का लाल हिस्सा ऊपर तैरने लगता है।


जिंक सल्फेट:

  • हल्के सफेद, पीले और भूरे रंग का।
  • डीएपी घोल में मिलाने पर यह गाढ़ा थक्कादार अवशेष बनाता है।


एनपीके:

  • धीमी आंच पर गर्म करने पर यह फूल जाता है और लाइ की तरह बढ़ता है।
  • खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी को सोख लेता है और गीला हो जाता है।


डीएपी:

  • कठोर दानेदार, भूरा, काला या हेज़लनट रंग का।
  • कील से तोड़ने पर आसानी से नहीं टूटता।
  • मुट्ठी में भरकर फूंकने पर यह थोड़ा गीला हो जाता है।
  • जब दानों में चूना मिलाकर रगड़ा जाता है तो यह तीखी गंध देता है।
  • धीमी आंच पर गर्म करने पर दाने फूल जाते हैं और बढ़ते हैं।


यूरिया:

  • सफेद, चमकदार और गोल आकार का।
  • पानी में घुलनशील, छूने पर घोल ठंडा लगता है।
  • हथेली पर रखकर मुट्ठी बंद करके फूंकने पर यह हल्का गीला हो जाता है।
  • खुले में रखने पर यह नमी सोख लेता है और गीला हो जाता है।
  • गर्म तवे पर डालने पर यह पिघल जाता है और तेज आंच पर गर्म करने पर इसमें से अमोनिया की तीखी गंध आती है।


मूल उर्वरकों की पहचान होने से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता बढ़ती है। इससे कृषि की लागत कम होती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है। ऐसी ही खेतीबाड़ी से जुडी नई जानकारी के लिए जुड़े रहे मेरा फार्महाउस के साथ।