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6 January 2024
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पोल्ट्री फार्मिंग का महत्व

पोल्ट्री फार्मिंग का महत्व बढ़ रहा है, और केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान बरेली इसमें अहम योगदान दे रहा है। इस संस्थान ने विभिन्न प्रजातियों की उन्नति के साथ-साथ गिनी फाउल (Guineafowls) का भी विकास किया है। इन पक्षियों का पालन कम खर्च में अधिक मुनाफा दिला सकता है। भारतीय कृषि-जलवायु के अनुकूल होने के कारण इन्हें बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।


गिनिया फाउल की विशेषताएँ

गिनिया फाउल में बीमारियों का प्रकोप कम होता है और इन्हें टीकाकरण की जरूरत नहीं होती। इनका खर्च भी कम होता है और ये अच्छे आय का स्रोत बन सकते हैं। इन्हें दिन में बाहरी खाद्य स्रोतों का उपयोग करने देने से इनके पालन में कम खर्च आता है।


गिनिया फाउल का उपयोग

गिनिया फाउल को अंडा और मांस दोनों के लिए पाला जाता है। इनके अंडे और मांस में विटामिन अधिक होता है और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसलिए ये पौष्टिक भोजन के स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।


तीतर पालन के फायदे

गिनिया फाउल का पालन आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है। इनमें टीकाकरण की जरुरत नहीं होती, और इनकी बीमारियां कम होती हैं। इनकी मांस की मांग बढ़ रही है, जिससे इनका पालन आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है। इस तरह गिनिया फाउल पालन के लिए केंद्रीय पंक्षी अनुसंधान केंद्र बरेली से संपर्क करके और विस्तृत जानकारी प्राप्त करके यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।