3 August 2024
पिपरिया में इस साल मानसून ने जोरदार दस्तक दी है, और अब तक 1004 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। सांडिया स्थित नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में धान की खेती करने वाले किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
धान (Paddy) की फसल के लिए क्रियाएँ:
- अत्यधिक जलभराव से बचने के लिए खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
- बारिश के बाद खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए नियमित निराई-गुड़ाई करें।
- खेतों में पानी का स्तर 5-7 सेमी तक बनाए रखें ताकि पौधों को पर्याप्त नमी मिल सके।
- नाइट्रोजन उर्वरक (यूरिया) का छिड़काव करें ताकि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।
- पर पहचानकर उसका समाधान करें।
वर्षा संबंधी ताजा जानकारी:
- पिपरिया में इस हफ्ते हुई भारी बारिश ने क्षेत्र की स्थिति को गंभीर बना दिया है। अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई जा रही है।
- सांडिया स्थित नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
- मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी धान की फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। भारी बारिश और जलभराव की स्थिति में सतर्कता और उचित प्रबंधन ही किसानों को नुकसान से बचा सकता है।
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