26 July 2024
हर साल बल्लो, पंजाब में धान की फसलों पर रूट-नॉट नेमाटोड का हमला होता है, जो पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाता है और पौधे को नष्ट कर देता है।
इस वर्ष भी किसानों को इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
रूट-नॉट नेमाटोड पौधों की जड़ों में घुसकर पोषक तत्वों को खा जाती है, जिससे पौधे कमजोर होकर मर जाते हैं।
रूट-नॉट नेमाटोड का प्रकोप विशेषकर बल्लो क्षेत्र में हर साल देखा जाता है।
रूट-नॉट नेमाटोड के हमले से फसल की उपज में भारी कमी आती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।
रोकथाम और उपचार:
- किसानों को रूट-नॉट नेमाटोड से बचाव के लिए अपने खेतों की नियमित जांच करनी चाहिए।
- खेतों में अच्छी जल निकासी व्यवस्था बनाएं ताकि रूट-नॉट नेमाटोड की समस्या कम हो सके।
- रूट-नॉट नेमाटोड के नियंत्रण के लिए क्लोरपाइरीफॉस (Chlorpyrifos) 20% EC का 2.5 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर पौधों की जड़ों में डालें।
- खेत की तैयारी के समय 10 किलो नीम की खली प्रति एकड़ मिट्टी में मिलाएं।
- फसल चक्र अपनाएं और विभिन्न फसलों की बुवाई करें ताकि रूट-नॉट नेमाटोड का प्रकोप कम हो सके।
- खेतों में जैविक उपाय जैसे ट्राइकोडर्मा और बैवेरिया बैसियाना का उपयोग करें, जो रूट-नॉट नेमाटोड को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
- समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों से परामर्श लें और उनके निर्देशानुसार फसल की देखभाल करें।
इस प्रकार के उपायों से किसान रूट-नॉट नेमाटोड के हमले से अपनी फसलों को बचा सकते हैं और अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं।
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