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6 January 2024
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भारत में अनेक प्रकार के फलों की खेती का रूझान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किसान मुनाफा कमा रहे हैं।कृष्णा फल, जिसे पैशन फ्रूट भी कहा जाता है, इसकी खेती भारत में बड़े पैम्बर्स में हो रही है। पैशन फ्रूट की खेती के लिए कम पानी की जरूरत होती है, जिससे यह कम बारिश वाले क्षेत्रों में भी उगता है।


उत्कृष्ट खेती क्षेत्रें

कृष्णा फल की प्रमुख खेती क्षेत्रें मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और पूर्वोत्तर के राज्यों में हैं। इसकी बुआई के लिए मानसून का शुरुआती समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।


पैशन फ्रूट की खेती

कृष्णा फल की प्रमुख खेती क्षेत्रें मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और पूर्वोत्तर के राज्यों में हैं। इसकी बुआई के लिए मानसून का शुरुआती समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।


पैशन फ्रूट की खेती

इसकी 500 से अधिक किस्मे हैं। जुलाई में इसकी बुआई के बाद अक्टूबर महीने के आस-पास इसके पेड़ में फूल निकलनें लगते हैं, जो नवंबर-दिसंबर तक फल देना शुरू कर देते हैं। कृष्णा फल एक बीघे में लगभग 240 पौधे लगते हैं मार्केट में पैशन फ्रूट के 1 पौधे की कीमत लगभग 80 रुपये से लेकर 150 रुपये तक होती है। 1 बीघे में इस फल का उत्पादन लगभग 25 क्विंटल के आसपास होता है। आमतौर पर पैशन फ्रूट 150 से 180 रुपये प्रति किलो तक बिकता है।


पैशन फ्रूट के गुणधर्म

पैशन फ्रूट पोषक तत्वों पोषक तत्वों पोटेशियम, तांबा, फाइबर और कई अन्य और विटामिनों से भरपूर है, जिससे यह स्वास्थ्य के लाभकारी होता है।


लाभकारी और सस्ती में खेती

कृष्णा फल की खेती सस्ती में होती है और इससे किसान बड़ा मुनाफा कमा सकता है, जिससे इसे एक आर्थिक रूप से लाभकारी खेती मानी जा रही है। इस हिसाब से अगर एक एकड़ में पैशन फ्रूट की खेती की जाती है तो इससे किसान लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।


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