आधुनिक खेती विधियों ने आम की खेती को आसान बना दिया है, जिससे मिट्टी और जलवायु का खास महत्व नहीं रह गया है। सागर के युवा किसान आकाश चौरसिया ने इस तकनीक को अपनाकर विभिन्न प्रदेशों के आम अपने बागान में उगाए हैं।
आकाश चौरसिया ने बुंदेलखंड के सागर में मल्टी लेयर फार्मिंग के जरिए 32 प्रजातियों के आम सफलतापूर्वक उगाए हैं। उनके बाग से आम की सप्लाई गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली तक की जाती है।
आकाश चौरसिया ने बताया कि मानसून का पहला महीना आम के बागान लगाने के लिए सर्वोत्तम समय है। आम को ग्राफ्टिंग और गुठी विधियों से उगाया जा सकता है, जिससे कम समय में फल प्राप्त होते हैं।
आम के पौधे लगाने के लिए 2 फीट गहरे और चौड़े गड्ढे में चूना और नीम पाउडर डालें। मिट्टी, कंपोस्ट और बालू का मिश्रण तैयार कर गड्ढे में भरें और आम का पौधा लगाएं। पौधों को समय-समय पर पानी और रोग से बचाने के लिए चूने के पाउडर का स्प्रे करें।
आकाश के बागान में केशर, रसपुरी, माल्गोवा, हिमसागर, रत्ना, वनराज, किशनभोग, माल्दा, लगड़ा, चौसा, दशहरी, बॉम्बेग्रीन, तोतापरी, बादाम, नीलम, आम्रपाली, मल्लिका, देशी चुसिया, बगिनपाल्ली, सफ़ेदा, अल्फ़ान्सो, फज़ली, सिंदूरी, इमाम, मनकुराद, पहरी, किलीचुंदन, रूमानी, बेगानपाल्ली, कस्तूरी, हापुस, कलमी आदि किस्म के आम के 300 पेड़ यहां 3 एकड़ में लगे हैं।
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