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6 January 2024
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बन्नी भैंस, जिन्हें 'कच्छी' या 'कुंडी' भी कहा जाता है, भारत के गुजरात राज्य के कच्छ जिले में पाई जाने वाली एक भैंस की जाति है। 'बन्नी' शब्द इस क्षेत्र की मूल्यवान घास की प्रजातियों के लिए ही नहीं, बल्कि इन भैंसों के लिए भी विशेष है। इन भैंसों की प्रमुख विशेषताएँ उनके लंबे लैक्टेशन अवधि, उच्च दूध उत्पादन क्षमता और रोग प्रतिरोधी बनाती हैं। इनका पालन-पोषण करने वाले स्थानीय समुदाय को 'मल्धारिस' कहा जाता है, जो कच्छ में पाया जाता है। एक औसत बन्नी भैंस रोज़ाना 12 से 18 लीटर दूध देती है।


अन्य सामान्य भैंसों से ज्यादा लोकप्रिय

बन्नी भैंस की जाति पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र से उत्पन्न हुई है। जिसे अब बन्नी भूमि कहा जाता है, वह कच्छ जिले के शासकों ने 500 वर्ष पहले मल्धारी समुदाय को पशुधन ग्राम्य के लिए दी थी। यह भैंस कच्छ के लोगों के लिए मुख्य आजीविका का स्रोत बन गई है और इसकी लोकप्रियता मुंबई जैसे अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ रही है। बन्नी भैंस विशेष रूप से उन उच्च तापमान, कम पानी, बार-बारीकी और उच्च तापमान के लिए अनुकूलित है, जो 'मुर्राह' और 'जफराबादी' जैसी अन्य सामान्य भैंसों के लिए मुमकिन नहीं है।


बन्नी भैंस की पहचान और विशेषताएं

बन्नी भैंस का शरीर छोटा होता है। इनकी ऊचाई 154 सेमी (61 इंच) होती है और मुख की लंबाई 54 सेमी (21 इंच) होती है, जबकि पूंछ की लंबाई 89 सेमी (35 इंच) होती है। सामान्यत: एक नर और मादा बन्नी भैंस का वजन लगभग 525-562 किलोग्राम और 475-575 किलोग्राम होता है। बन्नी भैंस का रंग काला होता है, जिनमें 5% भूरी भी होती है। उनकी माथे, पूंछ और पाँवों पर सफेद धब्बे होते हैं। उनकी आंखें काली होती हैं और पूंछ में सफेद और काला रंग दोनों होते हैं।


बन्नी भैंस से दूध उत्पादन

इस जाति की विशेष विशेषताएँ मिलती हैं, जैसे कि उच्च दूध उत्पादन की आनुवंशिक क्षमता। इनकी औसतन वार्षिक दूध उत्पादन क्षमता 6000 लीटर है और दैनिक दूध उत्पादन क्षमता 18-19 लीटर है। इसके अलावा, यह भैंस रात्रि-चराई की गुणवत्ता के लिए भी जानी जाती है। इस नस्ल की गायें मानसून में 8-10 किलोमीटर और गर्मियों में 15 किलोमीटर तक चरने की दूरी तय कर सकती हैं। यह गुणवत्ता इन्हें कठिन दिन के तापमान से बचाती है और तापमान के अंतर को सहन करने में मदद करती है। इस जाति का लैक्टेशन अवधि 290-295 दिन है, जिसमें 2500-2700 लीटर का दूध उत्पन्न होता है। इसके अलावा, यह भैंस नियमित प्रजनन और मजबूत प्रवृत्ति के लिए भी जानी जाती है।


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