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14 June 2024
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सहरसा समेत कोसी इलाके में बड़ी संख्या में किसान अरहर की खेती करते हैं। सही जानकारी न होने के कारण किसानों को नुकसान होता है। सहरसा के कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ. नित्यानंद राय के अनुसार, अरहर की खेती में कुछ विशेष बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए।


उर्वरक

नाइट्रोजन 20 किलोग्राम और फास्फेट 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की अनुशंसा है। नाइट्रोजन को यूरिया के रूप में प्रयोग करना चाहिए।


खेती की तैयारी

बारिश शुरू होने पर खेत की दो-तीन बार जुताई करें। पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और दूसरी देशी हल से करें। बुवाई के समय 5 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद डालें और अच्छे से मिलाएं।


कीटनाशक छिड़काव

फली छेदक और पत्र लपेटक कीट के नियंत्रण के लिए दो-तीन बार कीटनाशक छिड़कें। पहला छिड़काव: इंडोस्कार्ब 0.5 मिली प्रति लीटर पानी के साथ। दूसरा छिड़काव:मोनो क्रोटोफॉस 15 दिनों के बाद। उकठा रोग से ग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर फेंकें।


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