3 January 2025
आलू की फसल के कीड़ों की रोकथाम: आसान सुझाव
चेपा (एफिड्स):
- यह कीड़ा पौधे का रस चूसकर पत्तों को पीला और कमजोर कर देता है।
- अधिक हमले की स्थिति में पत्ते मुरझा जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
रोकथाम:
- खाली स्थानों और खेत की मेड़ों पर चेपे के लार्वा नष्ट करें।
- संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन खाद का उपयोग करें।
- 300 मि.ली. मैटासिस्टॉक्स 25 ईसी को 80-100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- आलू निकालने से तीन हफ्ते पहले छिड़काव न करें।
कुतरा सुंडी (कटवॉर्म):
- यह कीड़ा पौधों को जमीन के पास से काटकर नुकसान पहुंचाता है।
- आलू बनने के बाद यह आलुओं में सुरंग बनाकर गूदा खा जाती है।
रोकथाम:
खाली स्थानों और मेड़ों पर लार्वा नष्ट करें।
हड्डा भुंडी (लीफ माइनर):
- यह कीड़ा पत्तों की सतह पर अंडे देता है और बच्चे पत्तों का हरा पदार्थ खा जाते हैं।
- पौधों का हरा भाग समाप्त हो जाता है और केवल नसें बचती हैं।
रोकथाम:
खेतों की साफ-सफाई और समय पर कीटनाशकों का उपयोग।
इन उपायों से आलू की फसल को कीटों से बचाया जा सकता है।
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