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17 July 2024
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बरसात में पशुओं में कई प्रकार की बीमारियां देखने को मिलती हैं। इनमें से एक बड़ी मक्खी के काटने से होने वाली ट्रिपैनोसोमा (Trypanosoma) बीमारी भी है, जो बहुत खतरनाक हो सकती है और पशुओं की जान तक ले सकती है। इसलिए लोगों को अपने पशुओं की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।


ट्रिपैनोसोमा बीमारी का कारण

फिरोजाबाद के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार कटियार ने बताया कि बरसात के मौसम में कीट-पतंगे, मच्छर और मक्खियों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे बीमारियां फैलती हैं। पशुओं में ट्रिपैनोसोमा बीमारी बड़ी मक्खी के काटने से होती है, जो खून के जरिए फैलती है।


दूध की कमी का कारण

मक्खी के काटने के बाद, ट्रिपैनोसोमा बीमारी धीरे-धीरे पशुओं को पकड़ लेती है। इसके परिणामस्वरूप पशु धीरे-धीरे खाना कम कर देते हैं, और दुधारू पशुओं में दूध की कमी हो जाती है।


बीमारी के लक्षण

मुख्य पशु चिकित्सक ने बताया कि ट्रिपैनोसोमा बीमारी पशुओं के लिए जानलेवा हो सकती है। इसके लक्षणों में हल्का बुखार, भूख न लगना, और कमजोरी शामिल हैं। ग्रामीण इलाकों में इस बीमारी के बारे में कम जानकारी होने से पशुओं का सही समय पर इलाज नहीं हो पाता है।


बचाव के उपाय

पशुओं को ट्रिपैनोसोमा जैसी बीमारियों से बचाने के लिए नीम के पत्तों का धुआं करना एक प्रभावी उपाय है। लोगों को अपने पशुओं की नियमित जांच और सही समय पर इलाज कराना चाहिए ताकि वे इन खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रहें।


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