
लो कॉस्ट पॉली टनल तकनीक छोटे और मध्यम किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है। यह कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली नर्सरी तैयार करने में मदद करती है, जिससे किसान अगेती फसल लेकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
इस तकनीक से सब्जियों की नर्सरी जल्दी तैयार होती है, जिससे मुख्य फसल की बुवाई पहले की जा सकती है। इससे बाजार में जल्दी पहुंचकर किसानों को अधिक लाभ मिलता है।
उत्तर भारत के ठंडे इलाकों में जनवरी-फरवरी के कम तापमान के कारण बीजों का अंकुरण मुश्किल होता है। पॉली टनल एक संरक्षित वातावरण प्रदान कर इस समस्या का समाधान करती है।
जब पौधे 30-35 दिन में पर्याप्त विकसित हो जाएं, तो फरवरी के महीने में इन्हें मुख्य खेत में रोपित किया जाता है। सही दूरी और उचित देखभाल से फसल का बेहतर विकास होता है।
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