1 March 2025
कृषि वैज्ञानिकों का हमेशा से यही सुझाव रहा है कि किसान अपनी फसलों को खरपतवार से बचाएं, क्योंकि ये फसलों की वृद्धि में बाधा डालते हैं और पैदावार को प्रभावित करते हैं। बिहार के कृषि विभाग ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए कुछ कारगर उपाय बताए हैं, जिनका पालन करके वे अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं।
प्रमाणित और उपचारित बीजों का उपयोग करें
- हमेशा प्रमाणित और उपचारित बीजों का ही प्रयोग करें।
- इससे खरपतवारों का प्रभाव कम होगा और फसल की गुणवत्ता बनी रहेगी।
- स्वच्छ और शुद्ध बीजों से बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा।
मल्चिंग तकनीक अपनाएं
- मिट्टी की नमी बनाए रखने और खरपतवारों के विकास को रोकने के लिए मल्चिंग करें।
- जैविक मल्च जैसे पुआल, पत्तियां, नारियल के छिलके आदि का उपयोग करें।
- इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और खरपतवारों का प्रसार नियंत्रित होता है।
फसल चक्र का पालन करें
- लगातार एक ही प्रकार की फसल लगाने से खरपतवारों की संख्या बढ़ सकती है।
- समय-समय पर फसल चक्र बदलने से खरपतवारों का प्रभाव कम होता है।
- यह विधि मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में भी मदद करती है।
ग्रीष्मकालीन जुताई करें
- गर्मी के मौसम में गहरी जुताई करने से खरपतवारों के बीज नष्ट हो जाते हैं।
- इससे अगली फसल में खरपतवारों की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है।
- यह विधि मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने में भी सहायक होती है।
सहफसली खेती को अपनाएं
- सहफसली खेती से मुख्य फसल को खरपतवारों से बचाया जा सकता है।
- उदाहरण के लिए, मक्का और अरहर की मिश्रित खेती खरपतवार नियंत्रण में मददगार होती है।
- इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।
इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं और खरपतवारों से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।
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