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14 January 2025
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कृषि वैज्ञानिकों की मुख्य सिफारिशें:

1. खड़ी फसलें और सिंचाई: आने वाले दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए सभी खड़ी फसलों में सिंचाई और किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें। 2. गेहूं की फसल:दीमक का प्रकोप होने पर क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी @ 2.0 लीटर प्रति एकड़ 20 किलो बालू में मिलाकर शाम को समय खेत में छिड़कें। 3. सरसों की फसल: सरसों में चेंपा कीट की निगरानी करें। प्रभावित भागों को प्रारंभिक अवस्था में काटकर नष्ट करें। 4. चना की फसल: फली छेदक कीट के प्रबंधन हेतु 3-4 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं। पक्षी नियंत्रण के लिए “T” आकार के बसेरे खेतों में स्थापित करें।


5. प्याज की खेती: छह सप्ताह से अधिक पुरानी पौध का उपयोग रोपाई में न करें। रोपाई से पहले 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60-70 किलोग्राम फॉस्फोरस, और 80-100 किलोग्राम पोटाश आखिरी जुताई में ड़ालें। पौधों की रोपाई गहराई में न करें तथा कतार से कतार की दूरी 15 से.मी. पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. रखें। 6. सब्जियों की फसलें: गोभी वर्गीय सब्जियां:हीरा पीठ इल्ली और फली छेदक तथा टमाटर में फल छेदक कीट के नियंत्रण हेतु 3-4 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं। इस मौसम में तैयार बन्दगोभी, फूलगोभी, गांठगोभी आदि की रोपाई मेड़ों पर कर सकते हैं। कद्दूवर्गीय सब्जियां:कद्दूवर्गीय सब्जियों के अगेती फसल की पौध तैयार करने के लिए बीजों को छोटी पालीथीन के थेलों में भर कर पाली घरों में रखें। पालक, धनिया, मेथी: पत्तों की वृद्धि के लिए 20 किलो यूरिया प्रति एकड़ छिड़कें। अधिक जानकारी के लिए मेरा फार्महाउस ऍप से जुड़े।