समाचार

होम समाचार


8 May 2025
project management tool


  • भारत में पहले गाय पालना आम था, लेकिन अब यह चलन ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित रह गया है।
  • शहरी क्षेत्रों में गोपालन अब व्यवसाय के रूप में किया जाता है।
  • गांवों में पशु चिकित्सा सुविधाएं सीमित होने के कारण गर्मी में गायों की देखभाल चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
  • जानकारी की कमी के कारण कई बार पशुपालक बीमारियों को समय पर नहीं पहचान पाते।


गर्मी में होने वाली सामान्य गायों की बीमारियां:

थनैला रोग:

  • लक्षण:थनों में सूजन, दूध में छर्रे आना।
  • इलाज: थनों और दूध की समय-समय पर जांच, उचित दवा।


गलघोंटू बुखार:

  • लक्षण: गले में सूजन, सांस लेने में कठिनाई।
  • इलाज: एंटीबायोटिक दवाएं व इंजेक्शन, बारिश से पहले टीकाकरण।


मिल्क फीवर:

लक्षण:शरीर का तापमान कम, सांस लेने में कठिनाई। इलाज: प्रसव के बाद 15 दिन तक पूरा दूध न निकालें, कैल्शियम युक्त आहार और सप्लीमेंट दें।


लंगड़ा बुखार:

लक्षण:तेज बुखार (106–107 डिग्री), पैरों में सूजन, लंगड़ाना। इलाज: संक्रमित गाय को अलग रखें, समय पर टीकाकरण कराएं।


अधिक जानकारी के लिए मेरा फार्महाउस ऍप से जुड़े।