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23 December 2024
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  • गेहूं की फसल में खरपतवार जैसे ‘कनकी’ (Phalaris minor) और ‘गुल्ली डंडा’ किसानों के लिए बड़ी समस्या।
  • आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने प्रभावी खरपतवार प्रबंधन उपाय सुझाए।


बहु खरपतवारनाशी प्रतिरोधी खरपतवार प्रबंधन:

  • बुवाई के 0-3 दिन बाद पायरोक्सासल्फोन 85 डब्ल्यूजी @ 60 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव।
  • क्लोडिनाफॉप मेट्रिब्यूजिन 12+42% डब्ल्यूपी @ 200 ग्राम प्रति एकड़।


चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण:

  • 2,4-डी ई 500 मिली, मेटसल्फ्यूरॉन 20 डब्ल्यूपी 8 ग्राम, या कार्पेट्राजोन 40 डीएफ 20 ग्राम प्रति एकड़।


मिश्रित खरपतवार प्रबंधन:

  • सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 डब्ल्यूजी @ 13.5 ग्राम या मेसोसल्फ्यूरॉन आयोडोसल्फ्यूरॉन @ 160 ग्राम प्रति एकड़।


संकरी पत्ती वाले खरपतवार प्रबंधन:

  • क्लॉडिनाफॉप 15 डब्ल्यूपी @ 160 ग्राम या पिनोक्साडेन 5 ईसी @ 400 मिली प्रति एकड़।


शीघ्र बोई गई फसल प्रबंधन:

  • क्लोरमेक्वेट क्लोराइड 50% एसएल और टेबुकोनाजोल 25.9% ईसी का मिश्रण।


देर से बोई गई फसल:

  • पंक्ति-दूरी 17.5 सेमी और 50 किलोग्राम बीज दर प्रति एकड़।


उच्च उर्वरता वाली फसल:

  • पहले नोड चरण (50-55 दिन) में विशेष छिड़काव। ► इन उपायों से उपज और गुणवत्ता में सुधार संभव।


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