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13 January 2025
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शीतलहर और गिरते तापमान के कारण मक्का की फसल पर बुरा असर हो सकता है। पत्तियों का पीला या बैंगनी होना, असामान्य वृद्धि और दाना बनने की प्रक्रिया में बाधा मुख्य समस्याएं हैं। ऐसे में किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।


मक्का की फसल के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह

हल्की सिंचाई करें:

मिट्टी का तापमान स्थिर रखने के लिए हल्की सिंचाई करें। ध्यान रखें कि जल जमाव न हो।


उर्वरकों का प्रयोग:

  • एन.पी.के. (19:19:19) और मैग्नीशियम सल्फेट (1.5 किलो प्रति एकड़) का उपयोग करें।
  • बाल निकलने की अवस्था में 30 किलो यूरिया और 10 किलो सल्फर का प्रयोग करें।
  • पोटाश उर्वरक (10 किलो प्रति एकड़) का भी इस्तेमाल करें।


खरपतवार नियंत्रण के उपाय:

  • फसल के शुरुआती 45 दिनों में 2–3 बार निराई-गुड़ाई करें।
  • एट्राजिन (1–1.5 किलो प्रति हेक्टेयर) का छिड़काव कर खरपतवार नियंत्रित करें।


      कीटों का नियंत्रण कैसे करें

      • वृंतभेदक कीट:
      • पत्तियों पर छोटे छेद दिखने पर 4% कार्बोफ्यूरान का इस्तेमाल करें।


      अन्य कीटों का नियंत्रण:

      पाइरिला, आर्मीवर्म, और कटवर्म को रोकने के लिए मोनोक्रोटोफांस का छिड़काव करें।


      सिंचाई के लिए सुझाव:

      • पहली सिंचाई बुआई के 20-25 दिन बाद करें।
      • समय-समय पर खेत में नमी बनाए रखें। रबी मक्का के लिए 4–6 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है।


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