16 January 2025
लम्पी स्किन डिजीज मवेशियों और भैंसों का एक संक्रामक वायरल रोग है, जो कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह मच्छरों, काटने वाली मक्खियों और टिक्स जैसे आर्थ्रोपोड वैक्टर से फैलता है। रोग की पहचान 2-3 दिनों के हल्के बुखार और त्वचा पर कठोर, गोल गांठों से होती है।
लक्षण
- त्वचा पर कठोर, गोल गांठें (2-5 सेमी व्यास)
- मुंह, ग्रसनी और श्वसन पथ में घाव
- लिम्फ नोड्स का बढ़ना
- दूध उत्पादन में कमी
- गर्भपात, बांझपन और कभी-कभी मृत्यु
प्रभाव
- संक्रमित पशु अक्सर 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं।
- दूध उत्पादन में कई सप्ताह की कमी।
- रुग्णता दर: 10-20%
- मृत्यु दर: 1-5%
- नैदानिक निगरानी और नमूना भेजना
- गांठदार त्वचा के घावों की निगरानी।
- आईसीएआर-एनआईएचएसएडी, भोपाल को रक्त और त्वचा के नमूने भेजें।
रोकथाम और नियंत्रण
- संक्रमित पशुओं को अलग करना: बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग करें।
- पशु बाजारों पर रोक: संक्रमित क्षेत्रों में पशुओं की आवाजाही नियंत्रित करें।
- वेक्टर नियंत्रण: मक्खियों, मच्छरों आदि के विकर्षक का प्रयोग करें।
- सफाई और कीटाणुशोधन: प्रभावित क्षेत्रों और वाहनों को उचित रसायनों से कीटाणुरहित करें।
- जागरूकता अभियान:किसानों और पशुपालकों को एलएसडी के लक्षण और प्रभाव के बारे में जानकारी दें।
अधिक जानकारी के लिए मेरा फार्महाउस ऍप से जुड़े।