
चालू सीजन में भारत के उत्तर और मध्य भागों में 88.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की खेती हो रही है। राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह मुख्य फसल है।
माहू कीट, जो हरे, काले और पीले रंग का होता है, दिसंबर के अंत से मार्च तक फसलों पर हमला करता है। यह सरसों की पत्तियों, फूलों और फलियों का रस चूसकर पौधों को कमजोर और सूखा बना देता है।
बदलते मौसम जैसे कुहासा, हल्की बारिश और नमी वाले हालात माहू कीट के प्रजनन के लिए अनुकूल होते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह कीट विशेष रूप से कोमल फूलों और फलियों को नुकसान पहुंचाता है।
स्टिकी ट्रैप का उपयोग माहू कीट के नियंत्रण के लिए प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल उपाय है। यह एक पीली चिपचिपी शीट होती है, जो माहू कीट को आकर्षित कर उन्हें फसल से दूर रखती है।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. आर. पी. सिंह के अनुसार, किसान स्टिकी ट्रैप जैसी सरल तकनीकों और समय-समय पर फसल की निगरानी से माहू कीट का प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं। इससे रसायनों का उपयोग कम होगा, फसल की गुणवत्ता बनी रहेगी, और उपज में वृद्धि के साथ आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।
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