7 January 2025
गेहूं की बुवाई में देरी करने वाले किसानों को फसल की सही देखभाल की आवश्यकता होती है। यह लेख आपकी फसल को नुकसान से बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए 8 आसान और प्रभावी सुझाव प्रदान करता है।
उर्वरक प्रबंधन
- वर्षा वाले क्षेत्रों में यूरिया 40 किग्रा/एकड़ दें।
- बिना वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई करें।
- फसल पीली हो तो नाइट्रोजन (यूरिया) का अधिक उपयोग न करें।
सिंचाई प्रबंधन
- बारिश की संभावना हो तो सिंचाई टालें।
- जलजमाव से बचने के लिए विवेकपूर्ण सिंचाई करें।
खरपतवार प्रबंधन
- संकरी पत्तियों के लिए क्लोडिनाफॉप (160 ग्राम/एकड़) या पिनोक्साडेन (400 मि.ली/एकड़) छिड़कें।
- चौड़ी पत्तियों के लिए 2,4-डी ई (500 मि.ली/एकड़) या मेटसल्फ्यूरॉन (8 ग्राम/एकड़) उपयोग करें।
- मिश्रित खरपतवार नियंत्रण के लिए सल्फोसल्फ्यूरॉन या मेसोसल्फ्यूरॉन का छिड़काव करें।
पीला रतुआ रोग प्रबंधन
- नियमित निरीक्षण करें।
- लक्षण दिखने पर प्रोपिकोनाज़ोल (0.1%) या टेबुकोनाज़ोल + ट्राई फ्लोक्सीत्रोबिन (0.06%) का छिड़काव करें।
दीमक नियंत्रण
क्लोरोपायरीफॉस (4.5 मि.ली/किग्रा बीज) या फिप्रोनिल (4.5 मि.ली/किग्रा बीज) से बीज उपचार करें।
उर्वरक खुराक
- सिंचित क्षेत्रों में देरी से बुवाई के लिए 125 किग्रा/है. बीज उपयोग करें।
- उर्वरक 90:60:40 कि.ग्रा./है (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) समयानुसार डालें।
उच्च उत्पादन के लिए
02% क्लोरमेक्वेट क्लोराइड और 01% टेबुकोनाजोल का छिड़काव 50-55 दिन में करें।
इन सुझावों का पालन कर किसान अपनी फसल का उत्पादन और गुणवत्ता सुधार सकते हैं।
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