
कृषि विभाग की एक टीम ने सोमवार को राजस्थान के जसोता गांव में फील्ड भ्रमण कर खरीफ फसलों का निरीक्षण किया। बाजरा फसल में सफेद लट और फड़का कीट का प्रकोप देखा गया है, जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है।
सफेद लट की ग्रब बाजरे के पौधों की छोटी जड़ों को काटकर नष्ट कर देती है, जिससे फसल धीरे-धीरे सूख कर नष्ट हो जाती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे सफेद लट के नियंत्रण के लिए बाजरा की खड़ी फसल में इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL 500 मिलीलीटर या क्यूनालफॉस 25 EC 4 लीटर दवाई प्रति हेक्टेयर की दर से 80 से 100 किलोग्राम सूखी मिट्टी या बजरी में मिलाकर वर्षा से पहले भुरकाव करें। अगर वर्षा नहीं हो रही है, तो फव्वारा चलाकर सिंचाई करें ताकि कीटनाशक पानी के साथ घुलकर जड़ क्षेत्र तक पहुंचे और सफेद लट की ग्रब को नष्ट कर सके।
फड़का कीट के नियंत्रण के लिए अशोक कुमार मीना ने बताया कि किसान खेत की मेड़ों से घास की कटाई कर दें और क्यूनालफॉस चूर्ण 1.5% पाउडर का भुरकाव करें, जिससे फड़का की निम्फ अवस्था को नष्ट किया जा सके। मानसून की पहली वर्षा से 21 दिनों तक लट की पहली और दूसरी अवस्था को नियंत्रित करना आसान रहता है।
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